Sunday, January 1, 2012

मेरी प्रार्थना

काश मेरा एक एक शब्द इतना मधुर हो जाता,
जो लोगो के दिलो को छू जाता,
काश मै कुछ ऐसा कर पाता,
जिस से दुःखियो का दुःख मिट जाता |

जो मै अपने मन पे नियंत्रण कर पाता,
अच्छे बुरे में अंतर करके अपना ज्ञान बढाता,
हो जाता कुछ क्षण का अहंकार कभी जो,
मानवता को ठेस मिला तब, उसका पश्चाताप मुझे हो |

किया है जब जब कडवे शब्द का प्रयोग,
दुःख पहुँचाया अपनो को तब, जिस का कारण क्रोध का रोग,
कर पाता जो मै इस क्रोध पे काबु,
क्षमता बढती सेहनी कि और बोल होते मेरे जादु |

प्रार्थना है भगवान से इमानदारी न मेरी जाने पाए,
चाहे कठिनाई या जिवन में मजबुरी आए,
मिले असफलता या रहूँ मैं सबसे पिछे,
ना जाए मेरा इमान रहूँ मैं इश्वर कि नजर में सबसे ऊँचे |

ना चाह है मुझे बनने का धनवान,
मै चाहता हुँ बनना दयावान,
प्रभु मुझे तुम शक्ती दो, कर सकुँ मै शत्रु को माफ,
सबके प्रती मै प्रेम करु न रहुँ किसी के खिलाफ |

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