Sunday, March 1, 2015

एकादशी भजन

बस जाए जब मन में अपने हरे राम हरे कृष्णा 
मिट जाए दुख कष्ट हट जाए सारी तृष्णा
पन्द्र्ह दिन का चंद्र महिना उजियरा और अंधियरा
शुक्ल और कृष्णा पक्ष चंद्र का ग्यारवा दिन लगे प्यारा

तु रखवाला है जगत का नही कोइ अंजना
एकादशी को करो उपवास गाओ भजन और गाना
फलाहार को ग्रहन करना ना एक तुकडा भी दाना
दो बार महिने में भूखा भी रेह जाना

पुन्य का अवसर मिलता है हमको
इश्वर अवसर देते है सबको
निंदा क्रोध ईर्षा और द्वेष
बचना इनसे व्रत के दिन ना करना कलेश

अनुचित वचन ना बोले किसी को
ऐसे मनुष्य से दूर रखले स्वयम को
करे सहायता ज्ञान और दान से
भगवत कृपा करेंगे अपने धाम से

दिन एकदशी है सबसे श्रेष्ठ
वैष्णव जन के व्रतो में श्रेष्ठ
प्रेम करे जो भगवन से
वह करे पुन्य हरदम मन तन से

मार्ग है यह प्रभु की ओर
जो आस्था हो दृढ होके भावविभोर

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