Saturday, February 13, 2016

मालिक है तू जग है तेरा

जब जब मैं होता हूँ निराश,
बस तू मुझे याद आता है ,
तेरे ही सहारे ये जीवन मेरे विधाता है |
तू ही तो सब सुनता है मेरी,
सुकून मिलता है मुझको शरण में तेरी,
हसने मुस्कुराने को मिलते है कई दोस्त,
पर आंसू भरे नेत्र का तू ही है एक दोस्त |
राम कहूँ कभी श्याम कहूँ ,
पिता कहूँ कभी मित्र कहूँ ,
तू तो कुछ नहीं कहता है,
प्यार से सारी बातें मेरी ,
प्यार से उनको सुनता है |
तुझ पे एक भरोसा मेरा ,
मालिक है तू जग है तेरा ,
फिर भी तू है कितना विनम्र ,
नहीं केहता कभी की ये सब मेरा |
कोई कहे तू सब का दाता ,
कोई कहे उन्हें समझ न आता ,
पर जो कोई तुझको दिल में लाता ,
वह निश्चित ही दर्शन पाता |
खोजे तुहको वह न पाए ,
दिल से माने तो तू खुद मिलजाए ,
तुझ में जिसको भरोसा है ,
पाप नहीं वह करता है |
तुझसे जो कोई डरता है ,
वह दुनिया से नहीं डरता है,
मालिक है तू जग है तेरा ,
मैं हूँ प्रेमी भक्त हूँ तेरा |