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Saturday, February 13, 2016

मालिक है तू जग है तेरा

जब जब मैं होता हूँ निराश,
बस तू मुझे याद आता है ,
तेरे ही सहारे ये जीवन मेरे विधाता है |
तू ही तो सब सुनता है मेरी,
सुकून मिलता है मुझको शरण में तेरी,
हसने मुस्कुराने को मिलते है कई दोस्त,
पर आंसू भरे नेत्र का तू ही है एक दोस्त |
राम कहूँ कभी श्याम कहूँ ,
पिता कहूँ कभी मित्र कहूँ ,
तू तो कुछ नहीं कहता है,
प्यार से सारी बातें मेरी ,
प्यार से उनको सुनता है |
तुझ पे एक भरोसा मेरा ,
मालिक है तू जग है तेरा ,
फिर भी तू है कितना विनम्र ,
नहीं केहता कभी की ये सब मेरा |
कोई कहे तू सब का दाता ,
कोई कहे उन्हें समझ न आता ,
पर जो कोई तुझको दिल में लाता ,
वह निश्चित ही दर्शन पाता |
खोजे तुहको वह न पाए ,
दिल से माने तो तू खुद मिलजाए ,
तुझ में जिसको भरोसा है ,
पाप नहीं वह करता है |
तुझसे जो कोई डरता है ,
वह दुनिया से नहीं डरता है,
मालिक है तू जग है तेरा ,
मैं हूँ प्रेमी भक्त हूँ तेरा |

Thursday, August 20, 2015

श्री नारायण भजन

ओ राम लला मेरे ओ नन्द लाल मेरे नारायण
जीवन का बुद्धि का मेरे भगवान तू स्वामी
रहे सब भक्त के मन में याद करे जो तन मन से

करुणा है जिसके मन में रहे तू उसके तन में
भजन करे जो मन से याद करे मोहन को
ओ राम लला मेरे ओ नन्द लाल मेरे नारायण
जीवन का बुद्धि का मेरे भगवान तू स्वामी

बोलो सब हरी शरणम् बोलो सब राम शरणम्
बोलो सब कृष्ण शरणम्
ओ राम लला मेरे ओ नन्द लाल मेरे नारायण
जीवन का बुद्धि का मेरे भगवान तू स्वामी

दुखियों का दुःख, हर दे तू पल भर में नारायण
ओ विष्णु नारायण ओ सुख के कारण ओ जग के पालन कर्ता
दया करदे तू हम पे सत्यता भर दे हम में
बुराई हर ले हम से दया तू देदे मन में 
ओ राम लला मेरे ओ नन्द लाल मेरे नारायण
जीवन का बुद्धि का मेरे भगवान तू स्वामी

नाम अनेक तेरे अनेक अवतार नारायण
कृष्ण कहो चाहे राम कहो भगवान
बोलो सब हरी शरणम् बोलो सब हरी शरणम्
बोलो सब हरी शरणम् बोलो सब हरी शरणम्

Saturday, March 7, 2015

अनुज संघ खेले होली रघुवीरा

साकेत में सरयू तट पे अबीरा
अनुज संघ खेले होली रघुवीरा
राजा दशरथ होते निहाल
मैय्या कौशल्या देती आशीष
अनुज संघ खेले होली रघुवीरा
अवध वासी दर्शन पाते
रंग गुलाल महल में लाते
मुनि वशिष्ट चहिता
अनुज संघ खेले होली रघुवीरा
सरयू मैय्या जल पहुचाए
अवध वासी रंग मिलाए 
भर भर छोड़े पिचकारी
अनुज संघ खेले होली रघुवीरा
माता पिता गुरु तिलक लगाए
मित्र बंधू संघ गोल बनाके
रंग गुलाल अबीरा 
अनुज संघ खेले होली रघुवीरा
होली अयोध्या की होली
गजब है आनंद उत्सव रंगीला
रसोई में मीठे मीठे गुझिया
अनुज संघ खेले होली रघुवीरा
महल भीतर प्रजा भीड़ लगाए
देखने राम और राम के भैय्या
की कैसे होली खेल हमारे रघुवीरा
आज हुई आनंदित साकेत नगरिया 
अनुज संघ खेले होली रघुवीरा
साकेत में सरयू तट पे अबीरा
अनुज संघ खेले होली रघुवीरा

Sunday, March 1, 2015

एकादशी भजन

बस जाए जब मन में अपने हरे राम हरे कृष्णा 
मिट जाए दुख कष्ट हट जाए सारी तृष्णा
पन्द्र्ह दिन का चंद्र महिना उजियरा और अंधियरा
शुक्ल और कृष्णा पक्ष चंद्र का ग्यारवा दिन लगे प्यारा

तु रखवाला है जगत का नही कोइ अंजना
एकादशी को करो उपवास गाओ भजन और गाना
फलाहार को ग्रहन करना ना एक तुकडा भी दाना
दो बार महिने में भूखा भी रेह जाना

पुन्य का अवसर मिलता है हमको
इश्वर अवसर देते है सबको
निंदा क्रोध ईर्षा और द्वेष
बचना इनसे व्रत के दिन ना करना कलेश

अनुचित वचन ना बोले किसी को
ऐसे मनुष्य से दूर रखले स्वयम को
करे सहायता ज्ञान और दान से
भगवत कृपा करेंगे अपने धाम से

दिन एकदशी है सबसे श्रेष्ठ
वैष्णव जन के व्रतो में श्रेष्ठ
प्रेम करे जो भगवन से
वह करे पुन्य हरदम मन तन से

मार्ग है यह प्रभु की ओर
जो आस्था हो दृढ होके भावविभोर