Sunday, January 17, 2016

दिल लगा के दिल को तोड गई

दिल लगा के दिल को तोड गई ,
मुझे प्यार का दर्द तु दे गयी ।
मैंने अपने दिल को रोका,
कभी प्यार ना करना उसे टोका,
पर तुने ही उसमे प्यार जगाके,
कर गयी मुझसे धोका ।
पेहले खुद मुझे अपना बनाया,
अब तुझे मुझमे कुछ ना भाया,
प्यार का दीपक खुद ही जलाके,
खुद ही उसको बुझाया ।
चार दिनो का प्यार था तेरा ,
अब होगया वो गम मेरा ।
चाहा तुने जैसा, मैं बनगया तेरे लिये वैसा,
मेरे तो कुछ समझ ना आए तु चाहे मुझे कैसा?
बात तेरी मुझे समझ ना आती,
क्या तुझे लगता है अच्छा?
अहंकार से भरी पडी तु,
तुझे प्यार ना दिखता मेरा ।
तेरी सारी बात जो मानु, तो तु मुझसे करेगी प्यार,
सौदा है ये स्वार्थ का तेरे, नही ये सच्चा प्यार ।
एक बात मेरी भी सुनले,
अकड को अपने थोडा कम करले।
इतना कैसे बदल गयी तु,
केह रही प्यार नही था मुझसे ।
तु नही तो कोइ और सही,
पर सच्चा प्यार मैं लाउंगा ।
जब तक सच्चा प्यार ना पाउंगा,
मैं दिल ना किसी से लगाउंगा ।