Tuesday, October 18, 2011

सत्य की राह नहीं छोडूंगा ...

दुःख सह सकता है जो मनुष्य महान |
पा सकता है वह सत्य का ज्ञान ||
न भय हो जिसको होने का अपमान |
बन सकता है वह पुरुष महान ||

सत्य से न होती किसी को हानी |
केवल उनको जो करते है बेईमानी ||
जो बोलता है हरदम सत्य की वाणी |
न चलती उसके सामने किसी की मनमानी ||

सत्यवादी होता है हरदम अभय |
जिसकी होती सदा विजय ||
जो सब सेह के, रह सकता निर्भय |
कठिन परिस्थिति के पश्चात् अवश्य उसकी होती है जय||

सत्य की रह पे चलते हुए हो जाये भले अपमान |
इस राह पे चलने वाला कभी न होता है बदनाम ||
जो न लाभ या कष्ट के पीछे बदले अपना ईमान |
उसकी रक्षा करने आते स्वयं परमेश्वर भगवन ||

माना सत्य की राह पे चलना होता है कठिन |
पर इस राह पे मिलते है मनुष्य सज्जन हर दिन ||
झेलनी पड़ती है दुविधा, जीवन हो जाता कठिन |
किन्तु फल होता है मीठा सत्य का और मिलता है एक दिन ||

हर झूठा, असत्य, अन्याय से लडूंगा |
सत्य से मुंह नहीं मोडूँगा ||
सत्य पे चलने वालो का साथ जोडूंगा |
चाहे झेलना पड़े कितना भी, सत्य की राह नहीं छोडूंगा ||

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