Friday, June 14, 2013

दोस्ती में पंगा



जा रखले तू सारी कसमे
मै जान गया तेरी रस्मे
क्या खूब निभाई है तूने
बड़ी भूल हुई तुझसे मिलके

ज़रा याद तू करले दिन अपने
क्या कभी दर्द दिया है हम सबने
नाराज हुआ तू किस गम से
मेरे भाई बता तू हम सबसे

बिंदास तू चल, चल घर अपने
कोई गलती हुई तो माफ़ करदे
हर बात बता मन साफ़ करले
ना क्रोध दिखा बर्बाद करके

तू चलबे, तू चलबे
रहना तू मुझसे दूर तब तक
मेरी जान चली न जाये जब तक
कोई बात नहीं करनी तुझसे
नहीं गलती हुई कोई मुझसे
पर माफ़ी मै मांगता हूँ तुझसे
जो अकड़ गया सो बिछड़ गया
दिल टूट गया तो सब बिखर गया

आग लगा फिर जल से बुझा
तेरी आदत मुझको सब है पता
पहले दिल को दुख फिर दिल से मना
कब सुधरेगा तू मेरी जान बता

अब न होगा कोइ दोस्ती में पंगा
ये मान ले अब सब कुछ चंगा

तो हाथ बढ़ा और गले लग जा
जीना मुश्किल है तेरे बिना