Friday, October 9, 2015

आधुनिक सोच

कहाँ गई मानवता क्या हो गया तुझे इंसान ।
झूटी बात करे जो कायर तू समझे उसे बुद्धिमान,
सत्य की राह पे चलने वाले वीरो को तू समझे मुर्ख इंसान ।
करुणा करने वाले को ना देता कोई सम्मान,
बल्कि सोचे लूट लो इसको अवसर है ये महान ।
वाह रे वाह क्या सोच है तेरी भरा हुआ अज्ञान । 
प्यार व्यार की बात है करता, तेरे प्यर का अर्थ महान,
माता पिता का त्याग करादे, ये तेरे कैसा प्यार महान ।
क्रोध तुझे बस तब है आता जब सामने हो निर्बल इंसान,  
तु सब अपमान सेह जाये और क्रोध तेरा गायब हो जाये जब सामने हो बलवान । 
बस लाभ हानि कि चिंता तुझको ना पाप पुन्य का ध्यान, 
आधुनिक सोच के शब्दकोश में इमान शब्द से अंजान ।
फैशन करने वाले को है सभ्य समझा जाता, 
भक्ती करने वाले को आश्चर्य से देखा जाता ।
ऐसी सोच को त्याग दे प्यारे जिस्से रुठे भगवान, 
दया, इमान ही परम धर्म है करे मानव का कल्यान ।