Sunday, January 1, 2012

न जियो झूठ के सहारे

क्यूं देते हो तुम खुद को धोका,
झुठ के सहारे, चाहते हो आगे बढने का मौका,
जितना भी तुम दगेबाजी करोगे,
अपना मान स्वयं घटाके, उतना ही तुम पिछे रहोगे |

करके बईमानी सोचते हो मै पा रहा सम्मान,
क्या तुम इतना भूल गए सारी दुनिया पे निगरानी,
रख रहा है भगवान |

अपनी छवी मिटा रहे हो, अपना इमान गंवा रहे हो,
सच्चाइ ना छुपती है, बईमानी कि गाडी फसती है,
तब सारी दुनिया हसती है, बेकार तुम्हारी मस्ती है |

धोके से आगे बढ सकते हो कुछ दिन,
पर कुछ ना कर सकोगे सहारे के बिन |

करो प्रशंसा उसकी तुम, 
अपने नाम से दिखा रहे तुम जिसका गुण,
नही करोगे ऐसा तुम लेकिन,
क्योंकि दिन ना कटता तुम्हारा चोरी के बिन |

अधिकार किसी का छिन के तुम,
पाप का बोझ ना लादो तुम,
क्योंकि जब ईश्वर तुम से रूठ गए,
समझो एकदम से तुम लुट गए |

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