Tuesday, October 2, 2012

दुःख


दर्द सेह सकते है घाव का ,
पर दुःख का दर्द सहा न जाए  |
दुःख का दर्द कोई क्या सुनाए ,
आवाज़ तो क्या आसू तक मिट जाए |

न ठहरा है सुख , न ठहरे का दुःख |
पर सुख के दिन होते तिनके समान ,
और दुःख के दिन लगे पहाड़ विशाल,  
बस जीवन के पल का समय उपाय |

न लगे किसी की दुवा भी जैसे ,
बस लगे की रब रूठ गया है हमसे |
पर दुवा भी लगे, दुःख भी मिटे ,
जैसे जैसे समय बीते, वैसे वैसे कष्ट हटे |

जिसने भी झेले दुःख के दिन रात ,
न कभी करे फिर वह सुख की तलाश  |
सुख में हँसी , दुःख में आसू नहीं अब ,
न मोह किसी से , न इच्छा रहे तब  |

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