Tuesday, May 1, 2012

पागल प्रेमी


देखने को तुझे मेरी आँखें तरस रही
याद में तेरे मेरी सांसे अटक रही
जलते हुवे दीपक की तरह जीवन जल रहा
कोई कितना भी समझाए मुझे कोई असर नहीं हो रहा |

तुम बिन रह न पाऊ एक पल भी
तो क्यूँ तुम्हारी छोटी सी बात चुभे मुझे सुई जैसी
तुमको भुलाना जैसे दिल की धड़कन रुकाना है
दूर रह कर याद करना तुमको जैसे बिना आग के खुद को जलना है |

दे कोई गाली दिन में दस बार
न फरक पड़े मुझे उससे कभी हर बार
तुम्हारा रूठना जैसे मार खाना है
जिसका इलाज न किसी के दवाखाना में है |

जानता हूँ मैं पाना तुमको है नहीं आसान
पर ऐसे ही तुमको भुलाना भी तो नहीं है आसान
दिल दुखता है मेरा सोच के हो जाओगी तुम किसी और की एक दिन
कैसे बीतेगा दिन और कटेगा जीवन तुम्हारे बिन |

बस एक बात के सहारे बिताऊंगा मैं अपना सारा जीवन
दोस्त हो तुम मेरी और रहोगी जीवन भर तुम |

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